Saturday, February 27, 2016
फर्जी_राष्ट्रवाद
आपको आज क्रांति पुरोधा चन्द्र शेखर आजाद जी की पुण्यतिथि पर एक खास बात याद दिलाता हूं। एक समय उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार हुआ करती थी। उस दौर में मायावती जी सूबे की मुख्यमंत्री थीं। दलित कार्ड खेलते हुए उन्होंने चन्द्रशेखर आजाद जी के नाम वाले कॉलेज का नाम बदलने का फैसला लिया। इस लिए ताकि वे क्रांतिकारियों को भी पंडित- दलित में बांट सकें। इस बारे में एक पत्रकार ने जब सीएम महोदया से प्रश्न पूछा कि आप एक क्रांतिकारी का नाम क्यों हटा रही हैं? इस प्रश्न का जो जवाब उन्होंने दिया उसे लिखने में मुझे शर्म आ रही है, आपको पढ़कर शर्म आएगी। सीएम महोदया ने कहा: कौन चंद्रशेखर आजाद?, वो आतंकवादी.... मेरे पिता जी बताते हैं कि अगले दिन जब इस विषय को लेकर जनसत्ता में एक पेज का लेख आया और सभी को इस बारे में पता लगा तो उम्मीद थी कि आज या तो मायावती जी माफी मांगेंगी या सरकार गिर जाएगी। क्योंकि उस समय यूपी की माया सरकार बीजेपी के समर्थन से चल रही थी। लेकिन ना ही सरकार गिरी और ना ही मायावती जी ने माफी मांगी... सिर्फ दो शब्द.... उस दौर का #फर्जी_राष्ट्रवाद
Tuesday, February 23, 2016
जेएनयू चरित्र
सिर्फ 5 बद्तमीज और बदजुबान लड़के किसी विश्वविद्यालय का चरित्र हो ही नहीं सकते, उस विश्वविद्यालय का चरित्र तो उसी विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त वह पवन कुमार है जो सिर्फ 23 साल की उम्र में आतंकियों से लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर देता है।
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