Friday, June 3, 2016

मैंने प्रेम किया था उससे....

जीवन के उस लक्ष्यबोध को, नई मिली थी परिभाषा
अंतर्मन के अनुरोध की नहीं मिटी थी अभिलाषा।

तेरे उन झूठे वादों पर मैंने था विश्वास किया
अन्न सरीखे पुञ्जों को तज, मैंने था उपवास किया।

तुमने मुझको कथा सुनाई, अपने अकथित पृष्ठों की
मैंने उसको मान लिया था, रेख समझकर कष्टों की।

तुमने प्रेम किया था उससे, जो तन-वैभव पर मिटता था
मैंने प्रेम किया था उससे, जो स्वप्न लोक में बसता था।

Saturday, April 23, 2016

दोहरा चरित्र

इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल थोपे जाने के समय इंदिरा के चरणों की धूल बनकर खड़े वामपंथियों की टोली आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही है... #दोहरा_चरित्र

राष्ट्रधर्म सर्वोपरि

आपको मोदी मुर्दाबाद बोलने की आज़ादी है.......आपको इंदिरा मुर्दाबाद बोलने की आज़ादी है..... लेकिन भारत मुर्दाबाद बोलने की आज़ादी ना थी,ना है,और ना ही होगी।।। #राष्ट्रधर्म_सर्वोपरि

असली राष्ट्रवाद

एक सवाल तो तथाकथित राष्ट्रवादी बीजेपी से भी बनता है... आतंकी अफजल के समर्थन में नारे लगाने वाले देशद्रोही हैं तो उसी अफजल के समर्थन में पत्र लिखने वाली पीडीपी के समर्थन से सरकार बनाने वाली पार्टी क्या है? #असली_राष्ट्रवाद

विभीषण कौन थे?

एक सवाल- विभीषण कौन थे? दोस्तों, विभीषण रावण के राज्य में रहने वाला एक ऐसा व्यक्ति था जिसके सहयोग के बिना श्रीराम को सीता नहीं मिलतीं, जिनके सहयोग के बिना लक्ष्मण जीवित नहीं बचते, जिनके सहयोग के बिना रावण के राज्य की गोपनीय बातें हनुमान-श्रीराम को पता नहीं लगतीं। एक लाइन में कहें तो 'श्रीराम के आदर्श भक्त'... इतना कुछ होते हुए भी आज उस घटना के हजारों सालों के बाद भी किसी पिता ने अपने बेटे का नाम 'विभीषण' नहीं रखा। जानते हैं क्यों? क्यों कि इस संस्कृति में आप राम भक्ति करें या ना करें कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन अगर राष्ट्रभक्ति नहीं की तो कभी माफ नहीं किए जाएंगे।

#एक_विश्वास- अब इसे पढ़कर वामपंथी मित्र सोचेंगे, 'मैं अपने अगले बच्चे का नाम विभीषण ही रखूंगा' और बीजेपी वाले सोचेंगे यह विश्व गौरव तो हमारा ही आदमी है।

प्रेम जब तन से होता है ...

प्रेम जब तन से होता है तो वासना होता है
प्रेम जब मन से होता है तो भावना होता है
प्रेम जब आत्मा तक पहुंचता है तो आराधना होता है
और प्रेम जब राष्ट्र तक पहुंच जाता है तो साधना हो जाता है

खिलौनों की तरह

जो तुम वादा करो हमारी खामोशी पढ़ने का,
हम खिलौनों की तरह बेआवाज होने को तैयार हैं। #क्वीन