अनुभूति
Saturday, April 23, 2016
मुल्क से मोहब्बत
मैंने अपनी मोहब्बत के सम्मान में उर्दू बोलना सीख लिया, और इस देश की एक नेता अब तक हिंदी बोलना नहीं सीख पाईं...आज भी वह अंग्रेजी भाषण को हिंदी में पढ़ती हैं... मुल्क से मोहब्बत सच्ची होती तो उनको अंग्रेजी में लिखा हुआ भाषण पढ़ने की जरूरत नहीं होती...
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