प्यार जताकर दूर गई तुम, कैसा प्रेम तुम्हारा था
तुमको खोकर खुद को पाया, क्या एहसास तुम्हारा था
पागल कहकर क्यों ठुकराया, कैसी आस तुम्हारी थी
गले लगाकर दूर हटाया, कैसी प्यास तुम्हारी थी
तुमसे मिलकर बातें करना, कैसी चाहत मेरी थी
आँखों में भी पानी था, फिर कैसी हसरत मेरी थी #क्वीन
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