अनुभूति
Saturday, April 23, 2016
उसे ही फुरसत ना थी
उसे ही फुरसत ना थी किसी अफ़साने को पढ़ने की
मैं तो बिकता रहा उसके शहर में अखबारों की तरह...
#क्वीन
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